प्रतियोगिता में सफलता पाने के आध्यात्मिक उपाय तथा मंत्र Pratiyogita mantra
भारत देश में प्रतियोगिता परीक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। बैंक से लेकर रेलवे तक और मिलिटरी से लेकर IIT तक हर तरह की सरकारी नौकरी के लिए हमें प्रतियोगिता परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। इन परीक्षा से हमारे जिंदगी की दिशा तय होती है।
इन सब चीजों को लेकर मानसिक तनाव स्वाभाविक है। मानसिक तनाव से सफलता मिलाना और भी मुश्किल होता है। आध्यात्मिक साधना से प्राथमिक रूप से दो फायदे होते है। हमारे मार्ग में जो भी आध्यात्मिक बाधा है वो दूर हो जाती है तथा मानसिक तनाव भी दूर हो जाता है। इस वजह से प्रतियोगिता में सफलता पाना आसान हो जाता है।
आज हम आपके लिए एक ऐसी साधना लाये है आप प्रतियोगिता में सफलता पा सकेंगे।
अयम में हस्तो भगवान अयम में भ्ग्वतरम
अयम में विश्व भेषजो अयम शिवाभिमर्षन्ह
Rig Veda 10.60.12
सभी ऋग्वेदिक मंत्र पुरातन है और इन्हे शक्तिशाली ऋषियों ने सिद्ध किया है तथा परम ब्रम्ह की शक्ति भी उनमें है। इस मंत्र का अर्थ है की अपने हाथों में भगवन है और सभी सुख को प्राप्त करने की क्षमता मेरे अपने भगवानस्वरूप हातों में है।
साधना
वेदज्ञान सबके लिए नहीं है और वैदिक मंत्रो से उन्हेही लाभ होता है जिनका चरित्र अच्छा हो। वाचा, मन और कर्म सात्विक हो।
इस मंत्र का जाप सुबह सूर्योदय से पूर्व करे. इसके लिए सर्वप्रथम शुचिर्भूत होकर सूर्यदेव का स्मरण करे। इसके बाद पूर्व दिशा को देखकर बैठकर इस मंत्र का जाप १२ बार करें।
वैदिक मंत्रो का जाप हमेशा साफ़ स्वर में होना चाहिए, मन में नहीं। बारा बार जप होने के बाद हात में साफ़ पानी लेकर उसे अपने आँखो को लगाइये।
पूरा दिन साफ कर्म करें , अपना आहार संतुलित रखे तथा वाणी हमेशा विनम्र रखें।
यह साधना आपको १२ दिन करनी है. इन बारह दिनों में, दान धर्म के काम करे और हर रोज सूर्योदय से पूर्व उठिये।