नीलाचलनिवासाय नित्याय परमात्मने बलभद्रसुभद्राभ्यां जगन्नाथाय ते नमः

नीलाचलनिवासाय नित्याय परमात्मने बलभद्रसुभद्राभ्यां जगन्नाथाय ते नमः

नीलाचलनिवासाय नित्याय परमात्मने। बलभद्रसुभद्राभ्यां जगन्नाथाय ते नमः॥

भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से समाज में सद्भावना, एकता और प्रसन्नता की भावना का विस्तार हो। 

यह मन्त्र हम पूरी जगन्नाथ की स्तुतिस्वरूप पाठ कर सकते है। पूरी जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान इस मन्त्र के पठान करने से इच्छित मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती है। रथयात्रा पृथ्वीतल पर होने वाले सबसे बड़े उत्सव में से एक है और इस दरम्यान भगवन कृष्ण की अनुकृपा सभी पृथ्वीपर वेष्टित रहती है। जो भी भक्त रथ का दर्शन करता है या रथ को खींचने में मदत करता है उस भक्त के सारे पाप भगवन हर लेते है।